मेरी माँ की आंखें
आज के परिपेक्ष में संस्कृति और परिवेश के बदलाव के कारण या यूं कहें कि संस्कारों का हनन हो गया, इस कारण आज पूरे विश्व में वृद्धा आश्रमों की वृद्धि होती जा रही है। इसका अर्थ यह है कि हमें अपने माता-पिता के प्रति स्नेह व प्रेम को भुला दिया गया है या खो दिया गया। परंतु हम यह नहीं जानते कि जब हम देखना बोलना चलना भी नहीं जानते थे, तब मां ने हमें सिखाया पिता ने आश्रय दिया और इस लायक बनाया और आज हम उन्हें वृद्धाश्रम छोड़ आते है। एक बात अवश्य कहने में अजीब सी जरूर लगेगी परंतु सत्य यही है । कि हमारी संताने जो यह देखती है कि अमुक अमुक दादा दादी को वृद्धाश्रम में छोड़कर आ गए ।वह भी आपके लिए यह ताना-बाना बुनने लगते हैं कि आने वाले समय में मुझे भी इन्हें वृद्ध आश्रम में छोड़ना है। मेरी आप लोगों से इस लेख के माध्यम से यह विनती है कि मां एक स्वर्ग है, मां एक संसार है, मां ने इस घर को बसाया है। जिसमें हम निवास करते हैं मााँ ने वह वाणी दी है जिससे हम बोलते हैं मां ने वो आंखें दी जिससे हम देखते हैं माँ ने एवं दिल दिया किसी के लिए धड़कता है ।आप काम करते हैं वो हाथ मां ने दिये है।और उनमें ताकत पिता ने । वह दिल जो आपके सीने में धड़कता है वह दिल मां के द्वारा दिया है।
एक मार्मिक रचना
आज के परिपेक्ष में संस्कृति और परिवेश के बदलाव के कारण या यूं कहें कि संस्कारों का हनन हो गया, इस कारण आज पूरे विश्व में वृद्धा आश्रमों की वृद्धि होती जा रही है। इसका अर्थ यह है कि हमें अपने माता-पिता के प्रति स्नेह व प्रेम को भुला दिया गया है या खो दिया गया। परंतु हम यह नहीं जानते कि जब हम देखना बोलना चलना भी नहीं जानते थे, तब मां ने हमें सिखाया पिता ने आश्रय दिया और इस लायक बनाया और आज हम उन्हें वृद्धाश्रम छोड़ आते है। एक बात अवश्य कहने में अजीब सी जरूर लगेगी परंतु सत्य यही है । कि हमारी संताने जो यह देखती है कि अमुक अमुक दादा दादी को वृद्धाश्रम में छोड़कर आ गए ।वह भी आपके लिए यह ताना-बाना बुनने लगते हैं कि आने वाले समय में मुझे भी इन्हें वृद्ध आश्रम में छोड़ना है। मेरी आप लोगों से इस लेख के माध्यम से यह विनती है कि मां एक स्वर्ग है, मां एक संसार है, मां ने इस घर को बसाया है। जिसमें हम निवास करते हैं मााँ ने वह वाणी दी है जिससे हम बोलते हैं मां ने वो आंखें दी जिससे हम देखते हैं माँ ने एवं दिल दिया किसी के लिए धड़कता है ।आप काम करते हैं वो हाथ मां ने दिये है।और उनमें ताकत पिता ने । वह दिल जो आपके सीने में धड़कता है वह दिल मां के द्वारा दिया है।
एक मार्मिक रचना
मेरी माँ की आँखें
मैं छोटा था तब भी देखती थी ये आँखे,
हम लौटकर देर से घर आते ,राह ताकती ये आँखे।
अब मैं सयाना हो गया किन्तु अभी भी जागती है,
मेरी माँ की आँखे।
रोज़ अनवरत सा सिल-सीला जारी है,
नही थकती है , मेरी माँ की आँखे ।
अंतिम स्वास तक भी मुझे देखने की तमन्ना
रखती है , मेरी माँ की आँखे ।
पंच तत्वों में विलीन होकर भी हमे महफूज़ ,
रखने की ख्वाईश रखती है,
मेरी माँ की आँखे।
________________________________________
My mother's eyes
In today's context, due to the change of culture and environment, or say the rites have been violated, due to this, there is an increase of old age ashrams all over the world. This means that we have forgotten or lost our affection and love for our parents. But we do not know that when we did not even know how to speak, mother taught us, the father gave us shelter and made it worth it and today we leave them old age home. It would seem strange to say one thing, but this is the truth. That our Santa sees that so many of his grandparents have left the old age home and they also come to you and weave it to you that I will have to leave them in the old ashram. I request you through this article that mother is a heaven, mother is a world, mother has built this house. In which we live, I have given the voice that we speak, the mother gave the eyes with which we see the mother and the heart beats for someone. You have given those hands to the mother. has . The heart that beats in your chest is given by the mother.
A touching composition
My mother's eyes
I used to see these eyes even when I was little,
We returned home late, these eyes stared.
Now I am grown but still awake,
My mother's eyes
Every day continues unabated,
Not tired, my mother's eyes.
Wish to see me till the last breath
Keeps my mother's eyes.
Even after merging the five elements, we feel safe,
Wants to keep ,My mother's eyes.
No comments:
Post a Comment