अपना अपना दृष्टिकोण
किसी धर्मात्मा ने जंगल में एक सुन्दर मकान और उसी की बगल में सुरम्य उद्यान इस उद्देश्य से बनवा रखा था कि उधर से आने - जाने वाले यात्रीगण उसमे ठहरें,विश्राम करें और आनन्दित रहें। समय समय पर अनेक लोग वहाँ आते और ठहरते रहे।
वहाँ पर नियुक्त दरबान हरेक से पूछता- "बताइए मालिक ने इसे किन लोगों के लिए बनाया है ? "
तो आने वाले अपनी - अपनी दृष्टि से उसका उद्देश्य बताते।
चोरों ने कहा -- "एकान्त में सुस्ताने , हथियार जमा करने और माल का बँटवारा करने के लिये । "
व्यभिचारियों ने कहा-- "बिना किसी खटके के और रोक -टोक के स्वेच्छाचारिता बरतने के लिए । "
जुआरियों ने कहा -- "जुआ खेलने और लोगों की आँखों से बचने के लिये।"
कलाकारों ने कहा --"एकांत का लाभ लेकर एकाग्रतापूर्वक कला अभ्यास करने के लिए ।"
संतों ने कहा -- "शांत वातावरण में भजन करने और ब्रम्हलीन होने के लिये
धर्म और प्रेम के संदर्भ में भी जब इस तरह अलग -अलग व्याख्याएँ होने लगे तो एक प्रकार से साम्प्रदायिकता को जन्म देता है। धर्म और प्रेम तो मनुष्य मात्र के लिए एक ही है।
किसी धर्मात्मा ने जंगल में एक सुन्दर मकान और उसी की बगल में सुरम्य उद्यान इस उद्देश्य से बनवा रखा था कि उधर से आने - जाने वाले यात्रीगण उसमे ठहरें,विश्राम करें और आनन्दित रहें। समय समय पर अनेक लोग वहाँ आते और ठहरते रहे।
वहाँ पर नियुक्त दरबान हरेक से पूछता- "बताइए मालिक ने इसे किन लोगों के लिए बनाया है ? "
तो आने वाले अपनी - अपनी दृष्टि से उसका उद्देश्य बताते।
चोरों ने कहा -- "एकान्त में सुस्ताने , हथियार जमा करने और माल का बँटवारा करने के लिये । "
व्यभिचारियों ने कहा-- "बिना किसी खटके के और रोक -टोक के स्वेच्छाचारिता बरतने के लिए । "
जुआरियों ने कहा -- "जुआ खेलने और लोगों की आँखों से बचने के लिये।"
कलाकारों ने कहा --"एकांत का लाभ लेकर एकाग्रतापूर्वक कला अभ्यास करने के लिए ।"
संतों ने कहा -- "शांत वातावरण में भजन करने और ब्रम्हलीन होने के लिये
धर्म और प्रेम के संदर्भ में भी जब इस तरह अलग -अलग व्याख्याएँ होने लगे तो एक प्रकार से साम्प्रदायिकता को जन्म देता है। धर्म और प्रेम तो मनुष्य मात्र के लिए एक ही है।
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My own perspective
A god had built a beautiful house in the forest and a picturesque garden next to it for the purpose that the passengers coming from there should stay, rest and rejoice in it. From time to time, many people came and stayed there.
The concierge there asked everyone - "Tell me who the owner has made it for?"
So those who come will tell their purpose with their own vision.
The thieves said - "To laze in solitude, to collect weapons and to distribute goods."
The adulterers said - "To be masterful without any knocking and without stopping."
The gamblers said - "to gamble and avoid people's eyes."
Artists said - "To practice art artfully by taking advantage of solitude."
Saints said - "To do bhajan in a calm environment and to be Brahmin
In the context of religion and love too, when different interpretations are started in this way, it gives rise to communalism in a way. Religion and love are only one for human beings.
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